Story in Hindi | झूठी खुशियों का नकाब |Heart touching Sad love story hindi| Suvichar Hindi Kahaniya

   
                                                                       
 सुविचार हिंदी कहानियां

 नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब लोग आज आज की हिंदी कहानी है

 शादी के बाद झूठी खुशियों का नकाब

 वाणी छुट्टियों में अपने मायके आई हुई थी l वाणी का ससुराल बहुत ही पढ़ा लिखा और खानदानी था l वाणी के दो बेटे भी है,  वाणी जब से मायके आई हुई है, तब से उसके पिताजी घर पर जो भी रिश्तेदार आता उनके सामने  ससुराल और जमाई राजा की तारीफों के पुल बांधने शुरू कर देतेl 

वाणी के पिताजी कहते हैं हमारी वाणी तो बहुत अच्छे खानदान में ब्याही है l ऊपर से भगवान ने से दो दो बेटों का सुख दिया है और हमारे जमाई जी तो इतने अच्छे हैं वाणी जिस चीज पर हाथ रख देती है वह चीज उसे अगले दिन ही मिल जाती है l  वाणी उन्हें जैसा कहती है वह बिल्कुल वेसा ही करते हैं l

 कभी भी वाणी ने अपनी ससुराल वालों की हम से कोई शिकायत नहीं की और ना ही वाणी के ससुराल में पैसों की कोई कमी है l क्योंकि हमारे तो बेटी जवाई दोनों मिलकर कमाते हैं l यह सब बातें वो अपने घर पर उनसे मिलने आए दोस्त को बता रहे थे और उन्हें बहुत गर्व हो रहा था यह सब बताते हुए l

 तब वाणी के पापा के दोस्त ने कहा सही कहा आपने भाई जी! आजकल के समय में बेटी को इतना अच्छा घर मिलना किस्मत की बात है l बेटी अगर ससुराल में खुश हो तो माता-पिता तो गंगा नहा लेते हैं l  मैं तो यही कामना करता हूं की वाणी हमेशा अपने ससुराल में खुश रहे l

 उधर दूसरी ओर अपने पिताजी द्वारा दोस्त के सामने कहीं जाने वाली झूठी बातें वाणी के सीने में चुभन पैदा करके उसे पीड़ा पहुंचा रही थी l क्योंकि उसको वही समझ सकती थी, क्योंकि वानी के  माता पिता को अपने  जवाई  में कोई भी कमी नहीं दिखती थी l  बल्कि वह अपनी बेटी के दुख को देख कर भी उसे अनदेखा कर देते थे l 

 वानी ने कई बार अपने दुखों को उनके साथ बांटना  चाहा l पर वाणी के माता पिता का बस एक ही जवाब होता था बेटा जवाई जी तेरे पति है,  इतने बड़े घर से ताल्लुक रखते हैंl अगर थोड़ा बहुत तुम्हें कुछ कह भी दिया हो तो क्या हुआ तुम नौकरी करती हो तो इसका मतलब यह तो नहीं कि तुम उनके साथ अपनी बराबरी करोगी l

 तुम एक औरत हो, इसलिए तुम्हें अपने आदमी से डरना पड़ेगा l इसलिए बेटी अपनी हद में रहा करो l तुम्हारी  चुप्पी से दोनों घरों की इज्जत बनी रहेगीl फिर तुम्हारी छोटे भाई के बारे में सोचो तुम स्वार्थी नहीं हो सकतीl बार-बार माता-पिता की यह बातें सुनकर वानी ने भी अपनी किस्मत को अपनी नियति मान लिया था, और अब उसने भी चुप रहना सीख लिया था l

 अब वह अपने दुख किसी के साथ भी साँझा नहीं करती थी l और दुनिया को दिखाने के लिए उसने अपने चेहरे पर झूठी खुशी का नकाब भी औढ लिया था l लेकिन आज भी उसकी आत्मा चीख चीख कर खुद से यही सवाल करती है कि, इस दुनिया में कौन है जो उसकी दिल की आवाज सुने गा और उसे समझेगा??  पर हमेशा उसके पास कोई जवाब नहीं आ पाता, इसलिए अब वह अपनी आत्मा का शोर भी मौन में परिवर्तित कर चुकी हैl !!

 दोस्तों आपको मेरी हिंदी कहानी कैसी लगी जरूर बताइएगा

 आपकी अपनी लेखिका
 प्रीति

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