Story in Hindi | बहू से नफरत | Saas Bahu ki hindi kahaniya | Heart touching Sad love story in hindi | Suvichar | Hindi Moral Stories
हेलो दोस्तों आज की कहानी है,
बहु से नफरत
जरूर पढ़िए गा बहुत अच्छी कहानी है और बताइएगा आपको कैसी लगी !!
मम्मी मैं कह रहा हूं ना, मैं सिया से ही शादी करुगा, अन्यथा मैं जिंदगी भर कुंवारा रह जाऊंगा l और यह मेरा अंतिम निर्णय है !! अब इस विषय पर मैं आपसे आगे बहस नहीं करूंगाl
तभी अभिनव की मम्मी रमा जी ने कहा बेटा तू समझता क्यों नहीं है? हमने तेरे सामने सिया की जन्म कुंडली पंडित जी को दिखाई थी ना और उन्होंने सिया की कुंडली में मांगलिक दोष बताया है, अब तू बता सब कुछ पता होते हुए हम तेरी शादी एक मांगलिक लड़की से कैसे कर दे? तू जानता नहीं की मांगलिक दोष वाले की जीवन साथी की मौत जल्दी हो जाया करती है l इसलिए तुझे मैं समझा रही हूं तू भूल जा सिया को l
रमा जी ने अभिनव को बहुत समझाया, पर अभिनव का कहना था कि, जब मैंने सिया से प्यार किया था, तब मैंने उसके साथ प्यार करते हुए जन्म कुंडली का मिलान नहीं किया था l ना ही मैं इन मिलानो को मानता हूं l इसलिए अब बस मैं शादी करूंगा तो सिर्फ सिया से l और यह मेरा आखिरी फैसला हैl
आखिर रमा जी को अपने बेटे की जिद के आगे झुकना पड़ा और पंडित जी के द्वारा बताए गए अनुसार सिया के मंगल दोष को दूर करने के लिए अभिनव के साथ शादी करने से पहले सिया की शादी एक पेड़ के साथ करवाई गई lऔर उसके बाद सिया ने अभिनव से शादी करी l
सिया दुल्हन बनकर अभिनव के घर आई, पर रमा जी को सिया का मांगलिक होना अभी भी खटक रहा था l और रमा जी उसे दिल से नहीं अपना पा रही थी l और घर में कुछ भी परेशानी आती तो उसका दोष सिया को ही दिया जाता l
लेकिन सिया पढ़ी-लिखी संस्कारी लड़की थी और वह और वह अपनी सासु माँ से मिले इन बेवजह आरोपों को अपने दिल से नहीं लगाती थी l और ऐसे ही ससुराल में उसके दिन कट रहे थेl
एक दिन अभीनव ऑफिस से जल्दी घर आ जाता है, तब रमा जी ने उससे पूछा बेटा आज जल्दी कैसे आ गया? तब उसने बताया मां आज सुबह से ही सिर दर्द और बहुत कमजोरी आ रही है, इसलिए ऑफिस में काम करने की हिम्मत ही नहीं हुई मेरी l तब रमा जी ने कहा चल बेटा जल्दी कर हमें डॉक्टर के पास चलना चाहिए तब अभिनव और रमा जी डॉक्टर को दिखाने गए l
डॉक्टर को दिखाने के बाद मालूम पड़ा कि अभिनव को पीलिया हो गया है, और दोनों जैसे ही घर लौटे रमा जी ने घर को सिर पर उठा लिया और कहने लगी जब से यह लड़की हमारे घर में आई है तब से हमारे घर में परेशानी और बीमारियां भी साथ में लेकर आई है l
इसके कदम ही अशुभ है l अब देखो इसका मांगलिक दोष हमारे बेटे पर भी असर करने लग गया है l कल को अगर मेरी बेटी को कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा? तभी सिया ने कहा मम्मी जी प्लीज और कितना नीचा दिखाएगी मुझे l आज तक में चूप रही, क्योंकि पापा ने यही सिखाया था कि बड़ों के आगे ससुराल में जवाब मत देना l पर आज तो आपने हद ही कर दी है, अगर मैं आज नहीं बोली तो जिंदगी भर खुद को माफ़ नहीं कर पाऊंगी l
मम्मी जी अगर आप पंडित जी पर भरोसा नहीं करती थी तो उनके कहे अनुसार आपने सारी मांगलिक दोष निवारण की विधि क्यों करवाई? क्यों पहले आपने मेरी पेड़ से शादी करवाई? दोष मेरा मांगलिक होना नहीं है, बल्कि दोष तो मेरा आपकी बहू होना है, क्योंकि घर में जाने अनजाने में कुछ भी परेशानी आती है, उसको आप मुझसे जोड़ देती है और जब कोई सास अपनी बहू से सिर्फ नफरत कर रही होती है तब यह बहु दोष बेटे बहु को नहीं पूरे परिवार को परेशानी में डाल देता है l
और इस बहु दोष से मुक्ति भी सिर्फ सास ही दिलवा सकती है l बहू को अपनी बहू माने उसे दिल से अपनाए, उसे भी सम्मान दें और यह महसूस कराये कि वह भी इस परिवार का सदस्य है नहीं तो बहु दोष मांगलिक दोष से भी ज्यादा पीड़ादायक हो जाता है l
सिया की कही हुई बातें, रमा जी के दिल को झकझोर रही थी, और उन्हें मन ही मन पश्चाताप भी हो रहा था l उस समय उन्होंने सिया को कुछ भी नहीं कहाl
थोड़े दिन बाद अभिनव बिल्कुल ठीक हो गया और ऑफिस जाने लगा और एक महीने बाद अभिनव की सैलरी भी बढ़ गई तब उसने घर आकर इसका श्रेय सिया को दिया l तो रमा जी बोली हां सही है बेटा, तू तो सारा श्रेय बहू को ही देगा l तेरी मां का आशीर्वाद भी तो तेरी प्रगति के पीछे रहता है तेरे साथl तू तो मुझे श्रेय देना भूल ही गया l
तब अभिनव ने कहा माँ इस बार सिया का मांगलिक दोष मुझ पर और न ही मेरी तरक्की पर नहीं लगाl और मां जब हम बुरी परेशानियों का श्रेय सिया को देते हैं तो अच्छे कामों का श्रेय भी तो सिया को ही देना चाहिए l तो इसलिए आज का सारा सिया को जाता हैँ lअभिनव ने हंसते हुए कहा l
तब सिया बोली, अभिनव तो क्या तुम भी मुझे ऐसा समझते हो.... !! तब अभीनव ने कहा, नहीं सिया बिल्कुल नहीं l बल्कि मैं तो मां को यह समझाना चाह रहा हूं कि सुख-दुख हमारे जीवन का हिस्सा है, और कभी जीवन में खुशियां आती है तो, कभी गम भी आते हैंl
इसके लिए हमें परिवार के सदस्य या अपनी बहू को दोष देना उचित नहीं हैl तभी रमाजी बोली बेटा सही कह रहा है तू और तेरी तरक्की ही बहुत है मुझे इस झूठे दोषों से बाहर निकालने के लिएl आज में यह कसम लेती हूं कि आज के बाद में सिया को किसी भी बात का दोष नहीं दूंगी l यह सुनकर सिया आज बहुत खुश थी l क्योंकि आज उसको उसकी सास ने मांगलिक दोष के साथ-साथ बहू दोषों से भी मुक्ति दे दी थी ll
कैसी लगी कहानी दोस्तों जरूर बताइएगा l
आपकी दोस्त और लेखिका
प्रीति
बहुत ही सुंदर कहानी है, वेरीगुड
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