सुविचार हिंदी कहानियाँ | मायका भाभी से नहीं होता| Story in hindi | Hindi Moral Stories| Love story in hindi
सुविचार हिंदी कहानी.
अनमोल वचन, प्रेरणादायक कहानी.
आज की कहानी है-
अरे पगली मायका भाभी से नहीं होता !!
सोनल की भाभी सोनल को चार बार फोन कर चुकी थी, पर सोनल फोन ही रिसीव नहीं कर रही थी l बाद में जब सोनल किचन से बाहर आई तो देखा, उसकी भाभी के चार मिसकॉल है लगातार l यह देखकर वह घबरा गई, क्योंकि उसकी भाभी को पता होता है कि, अगर सोनल दो बार में फोन नहीं उठाती है तो इसका मतलब यही है कि वह अपने काम में व्यस्त है और या फिर फोन से दूर हैl अब सोनल का मन घबरा रहा था क्योंकि भाभी के चार फोन लगातार आने से उसे टेंशन हो गई थी l
क्योंकि सोनल की मम्मी की तबीयत इन दिनों ठीक नहीं चल रही थी lअभी 2 दिन पहले ही सोनल अपनी मम्मी से मायके में मिलकर आई थी, फिर भी सोनल ने हिम्मत करते हुए अपनी भाभी को फोन लगाया और फोन जैसे ही भाभी ने उठाया तो सोनल को रोते हुए कहा दीदी.. l मम्मी जी हमें छोड़ कर चली गई है, रात को अच्छे से सोई थी सुबह आपके भैया और मैंने खूब उठाने की कोशिश की पर वह नहीं उठीl तब हमने डॉक्टर साहब को बुलाया फिर उन्होंने बताया कि मम्मी जी अब नहीं रही l दीदी आप जल्दी से घर आ जाओ, इतना सुनते ही सोनल की आंखों से आंसू बहने लगे l
पापा तो पहले ही उसे छोड़ कर जा चुके थे और अब उसकी मां भी नहीं रही l सोनल तो बिल्कुल बेहाल हो चुकी थी, अब सोनल ने रोते-रोते यह बात सक्षम उसके पति को बताई तो सक्षम ने उसे संभाला और उसे जल्दी से कार में बिठाकर मायके ले गया lसोनल जैसे ही अपने घर पहुंची तो अपनी मां के शरीर को देखकर उससे लिपट गई और खूब रोयी l आखिर में सक्षम ने उसे किसी तरह समझाया और मां का अंतिम संस्कार किया l
सारे विधि-विधान होने के बाद भी सोनल की रुलाई रुकी नहीं रही थी उसे मां की बहुत याद आ रही थी तब सोनल की मौसी ने उसके आंसू पोछे और उसे संभाला और कहा सोनल बेटा ऐसे दुखी मत हो l दीदी नहीं रही तो क्या हुआ? मैं हूं ना तेरी मौसी l मेरा घर भी तेरा मायका है तेरा जब मन करे तब आ जाना अपनी मौसी के पास l
वैसे कहते भी तो है ना मौसी मतलब मां जैसीl बेटी मैं तेरा दर्द समझ सकती हूं, क्योंकि तेरे पापा तो पहले ही तुझे छोड़ कर जा चुके हैं और आज दीदी भी चली गईl कहते हैं ना कि मां के जाने के बाद तो लड़कियों का मायका ही छूट जाता है l यह भाभी तो बस दुनिया को दिखाने के लिए नाम का रिश्ता होता है, क्योंकि मायका तो मां से ही होता है l सोनल भी मन ही मन सोचने लगी कि शायद मौसी ठीक ही तो कह रही है, और वह मौसी से लिपट कर जोर जोर से रोने लगी l और कहने लगी क्या मासी मेरा भी मायका अब नहीं रहा!!
तभी सोनल की भाभी दूर बैठी दोनों की बातें सुन रही थीl पहले तो भाभी ने सोनल को चुप कराया और फिर उसे दिलासा दीl फिर भाभी ने मौसी से कहा कि, मौसी जी आपने ऐसे कैसे कह दिया कि मायका केवल मां से ही होता है l
मैं मानती हूं कि मां का स्थान कोई नहीं ले सकता, लेकिन अभी दीदी के भैया भाभी जिंदा है और जब तक हम हैं दीदी का मायका हमेशा बना रहेगा l मैं पूरी कोशिश करूंगी, दीदी को मम्मी जी की तरह प्यार और सम्मान देने की l और दीदी जब चाहे तब यहां आ सकती है यह घर कल भी उनका था, आज भी है, और कल भी रहेगा l
मौसी जी मैं भी एक बेटी हूं और मेरा भी मायका है, और मैं अच्छे से जानती हूं कि हम बेटियों के लिए मायका कितना महत्वपूर्ण होता है मौसी जी आप दीदी को अपने घर जरूर बुलाइए पर उन्हें अपने भैया भाभी के प्यार से दूर मत करिए !तभी मौसी ने कहा - बहू आज के जमाने में तेरी जैसी सोच रखने वाली भाभी बहुत कम मिलती है l मुझे माफ कर दे!!
मैंने सोनल को गलत राह दिखाई l तभी सोनल अपनी भाभी के गले लग गई और बोली भाभी आज आपने मुझे विश्वास दिला दिया कि भाभी भी मां के समान होती है और मैं संतुष्ट हूं कि जब तक आप और भैया हो मेरा मायका सदा बना रहेगा.. !! और किसी ने कहा है ना कि भाभी मां के समान होती है आज आपने मुझे इस बात का विश्वास भी दिला दिया है !!
दोस्तों जरूर बताइएगा कहानी कैसी लगी और अच्छी लगे तो जरूर हमें फॉलो कीजिएगा l
आपकी दोस्त और लेखिका
प्रीति
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